प्रदेश में जमीन-जायदाद के नामांतरण, बँटवारे जैसे काम के लिये अब पटवारी को ढूँढना नहीं पड़ता। प्रदेश सरकार ने पटवारियों के लिये हर सप्ताह कम से कम दो दिन पंचायत मुख्यालय में बैठकर प्रकरणों का निराकरण करने की बाध्यता लागू कर दी है। इसी के साथ, जिला कलेक्टरों को सभी तरह के राजस्व प्रकरणों के निराकरण की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। राज्य सरकार ने इस तरह की व्यवस्थाएँ अभी एक साल में ही लागू की हैं।
पंचायत मुख्यालय में मिलने लगे हैं पटवारी बैतूल,