कलेक्टर श्री राकेश सिंह ने कहा कि इस वर्ष अच्छी बारिश होने से जलाशयों में भरपूर मात्रा में पानी उपलब्ध है, जिसका समुचित उपयोग कर जिले के किसान गर्मी की फसल हेतु समय पर तैयारी कर लें एवं उचित समय में बोवनी व सिंचाईं की व्यवस्था कर अच्छी पैदावार लें। कलेक्टर श्री सिंह शुक्रवार 28 फरवरी को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित जिला स्तरीय जल उपयोगिता समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में जल संसाधन संभाग क्रमांक-2 बैतूल के कार्यपालन यंत्री श्री एके देहरिया सहित विभागीय अधिकारी मौजूद थे। बैठक में रबी सिंचाईं के उपरांत जिले के विभिन्न जलाशयों में शेष जल राशि के अनुसार जायद फसलों अर्थात् उड़द, मूंग एवं मक्का को पानी देने हेतु संबंधित कार्यपालन यंत्रियों से चर्चा की गई।
बैठक में कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि जलाशयों में उपलब्ध जल एवं लाभान्वित ग्रामों की सूचना विभिन्न माध्यमों से जिले के किसानों तक पहुंचाई जाए। साथ ही जिले की वेबसाइट पर भी उक्त जानकारी को प्रदर्शित किया जाए, ताकि अधिक से अधिक किसान लाभान्वित हो सके।
जिला जल उपयोगिता समिति के सचिव एवं कार्यपालन यंत्री श्री एके देहरिया ने बताया कि उनके कार्य क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड बैतूल, चिचोली, भीमपुर, भैंसदेही, शाहपुर एवं घोड़ाडोंगरी के जलाशयों में रबी सिंचाईं के उपरांत शेष बचे जल 6.17 मि.घ.मी. से 1234 हे. क्षेत्र में मूंग आदि की फसलों को अप्रैल के प्रथम सप्ताह किसान की मांग अनुसार सिंचाईं सुविधा प्रदाय की जाएगी। इसी तरह मुलताई संभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत मुलताई, आठनेर, प्रभातपट्टन एवं आमला के जलाशयों में शेष बचे जल 48.875 मि.घ.मी. से 1650 हे. क्षेत्र में सिंचाईं सुविधा प्रदाय की जाएगी। इस तरह जिले में कुल 2844 हे. क्षेत्र में सिंचाईं सुविधा प्रदाय की जा सकेगी। पारसडोह मध्यम परियोजना में पानी की उपलब्धता लगभग 40 मि.घ.मी. है। इसके बेसिन से लिफ्ट कर अधिकतम सिंचाईं सुविधा का लाभ किसान ले सकते हैं। इस हेतु वरीयता पर विद्युत विभाग द्वारा अस्थायी विद्युत कनेक्शन भी प्रदाय किए जाएंगे। बैठक में श्री देहरिया ने गर्मी की फसलों हेतु जलाशयों से सिंचाईं सुविधा की विस्तृत जानकारी दी।
जलाशयों के जल का समुचित उपयोग कर किसान फसल की तैयारी करें-कलेक्टर जिला स्तरीय जल उपयोगिता समिति की बैठक आयोजित