लॉकडाउन अवधि के बाद पुन: प्रारंभ हुये मनरेगा के कार्यों पर जनपद पंचायत घोड़ाडोंगरी की 50 ग्राम पंचायतों में 213 कार्यो पर 2810 श्रमिक नियोजित हुये हैं। लॉकडाउन अवधि में जिले एवं प्रदेश से बाहर कार्य करने गये श्रमिकों को वहां कार्य बंद होने से वापस अपने गांव लौटना पड़ा। शासन से प्राप्त निर्देशों के पालन में 20 अप्रैल 2020 से ग्राम पंचायतों में मनरेगा अन्तर्गत जल संरक्षण एवं संवर्धन के कार्य प्रारंभ किये गये हैं। बाहर काम से लौटे श्रमिकों को उनकी मांग अनुसार प्राथमिकता के आधार पर मनरेगा अन्तर्गत जारी कार्यों पर नियोजित किया जा रहा है। शासन के इस निर्णय से ऐसे श्रमिकों को राहत मिली है तथा उनके जीवनयापन में आ रही कठिनाई दूर हुई है।
जनपद पंचायत घोड़ाडोंगरी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री दानिश अहमद से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत चोपना के ग्राम चोपना-1 में तालाब निर्माण के कार्य पर काम कर रहे श्री सुजय कराती द्वारा बताया गया कि वे लॉकडाउन से पूर्व देवास की एक कम्पनी में कार्य करते थे। लॉकडाउन के कारण फैक्ट्री में कार्य बंद हुआ, इस कारण उन्हें वापस अपने ग्राम चोपना-1 लौटना पड़ा। अपने ही ग्राम में मनरेगा के तालाब निर्माण कार्य पर उनके द्वारा कार्य किया जा रहा है। उक्त कार्य के एवज में उन्हें प्रति दिवस 190 रू. के मान से मजदूरी प्रदान की जाएगी, जिससे उन्हें फौरी राहत मिली है।
इसी तरह ग्राम चोपना-1 के श्री विकास मिस्त्री जो औरंगाबाद महाराष्ट्र में मिस्त्री का कार्य करते थे, उन्हें भी लॉकडाउन के कारण वहां से वापस आना पड़ा। इनके द्वारा भी मनरेगा अन्तर्गत खोदे जा रहे तालाब पर मजदूरी का कार्य मिला है, जिसके कारण उनके सामने जीवनयापन हेतु गांव में ही रोजगार मिल रहा है।
लॉकडाउन में फैक्ट्री-कारखानों में काम बंद, प्रवासी श्रमिकों का सहारा बनी मनरेगा अपने गांव में ही मिला रोजगार