प्रदेश में गेहूँ उपार्जन - 2020 में उपार्जित गेहूँ के परिवहन के लिये पुख्ता बंदोबस्त किये गये हैं। इसके लिये प्रदेश के 51 जिलों को 179 सेक्टर्स में बाँटा गया है। परिवहन की जिम्मेदारी राज्य नागरिक आपूर्ति निगम को सौंपी गई है।
प्रमुख सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्त संरक्षण श्री शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि गेहूँ उपार्जन-2020 में उपार्जित गेहूँ परिवहन की व्यवस्था को भी सुदृढ़ बनाया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि गेहूँ का परिवहन तत्परता के साथ किया जा सके, इसके लिये प्रदेश के 51 जिलों को 179 सेक्टर में बाँटा गया। परिवहन की जिम्मेदारी राज्य नागरिक आपूर्ति निगम और मार्कफेड को दी गई है।
प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने बताया कि रबी उपार्जन-2021 में 110 लाख मीट्रिक टन गेहूँ उपार्जन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण गेहूँ की कटाई से लेकर खरीदी कार्य में देरी हुई है। जून माह में मानसून की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए उपार्जित गेहूँ का तत्परता के साथ खरीदी केन्द्रों से उठाकर गोदाम तक पहुँचाने के लिये परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया गया। परिवहन कार्य पर नियंत्रण और समय की बचत के उद्देश्य से सभी प्रक्रिया ऑनलाइन की गई है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 51 जिलों में बनाये गये लगभग 5 हजार खरीदी केन्द्रों से उठाव के लिये संभागवार एजेंसियों का निर्धारण किया गया है। म.प्र. राज्य सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन लिमि. को चार संभाग नर्मदापुरम (होशंगाबाद), भोपाल, ग्वालियर और सागर के 21 जिलों में परिवहन की जिम्मेदारी दी गई है। राज्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा इन जिलों को 93 सेक्टर में बाँट कर परिवहनकर्ताओं की नियुक्ति की गई है।
इसी प्रकार मार्कफेड को 5 संभाग इंदौर, उज्जैन, रीवा, शहडोल और जबलपुर के 30 जिलों में परिवहन का दायित्व सौंपा गया है। मार्कफेड ने परिवहन व्यवस्था को सुचारु ढंग से क्रियान्वयन के लिये 86 सेक्टर बनाये गये हैं।
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