थोड़ा इंतजार करें और प्रशासन पर भरोसा रखें, न कि पैदल चलें पुणे से घोड़ाडोंगरी आए श्री विनोद ठाकुर ने प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों में फंसे लोगों को दिया सन्देश





सरकार के नम्बर पर फोन लगाने के बाद लोग सोचते हैं कि तुरन्त उनको लेने गाड़ी आकर खड़ी होगी। जल्दबाजी में पैदल ही घर चल देते हैं। शासन की कार्रवाई में भी कुछ समय लगता है। पंजीयन कराने के बाद जो जानकारी मांगी जाती है, वह देनी होती है। अधिकारियों को भी आवश्यक कार्रवाई करनी होती है, उसके बाद उस राज्य से लोगों को लेकर आने की व्यवस्था की जाती है।
मैंने भी मध्यप्रदेश सरकार के टोल फ्री नम्बर पर अपनी जानकारी दर्ज कराई। कुछ दिनों इंतजार किया, फिर प्रदेश की सरकार द्वारा मुझे घर आने के लिए पुणे से सुगमता से ट्रेन एवं बस से आने की सुविधा उपलब्ध कराई गई। 
ये कहानी है घोड़ाडोंगरी निवासी श्री विनोद ठाकुर की। विनोद बताते हैं कि वे एक कम्पनी में काम करने महाराष्ट्र के पुणे गये थे। लॉक डाउन के कारण वहीं फँसकर रह गए। इतनी दूर से कैसे अपने घर वापस आएं, जब बसें और ट्रेने भी बंद हैं। फिर एक मित्र श्री प्रवीण अग्रवाल को फोन लगाया। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार के टोल फ्री नम्बर 0755-2411180 की जानकारी दी। वहां जानकारी देने के बाद बैतूल जिले में नियुक्त नोडल अधिकारी का फोन आया। उन्होंने मेरी जानकारी ली।
कुछ दिनों इंतजार के बाद गुरूवार 14 मई को ही मेरे पास शासन के किसी अधिकारी का फोन आया। उन्होंने जानकारी दी कि कल आपकी ट्रेन है, पुणे स्टेशन से। आपके आवास पर सुबह बस लेने आ जायेगी।
शुक्रवार 15 मई को पुणे में मेरे आवास पर सुबह बस मुझे लेने भी आ गई। पुणे से सायंकाल में मैं ट्रेन से इटारसी के लिए रवाना हुआ। शनिवार 16 मई को सुबह 8.30 बजे के लगभग इटारसी पहुंचा। वहां आवश्यक जांच उपरांत बैतूल प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई बस से मुझे बैतूल आने की सुविधा मिली। तत्पश्चात् मैं अपने निवास स्थल घोड़ाडोंगरी के लिए रवाना हुआ। घर पहुंचने के पहले मैं अस्पताल स्वास्थ्य परीक्षण करवाने जा रहा हूं।
विनोद बताते हैं कि ट्रेन का टिकिट, सफर के दौरान भोजन-पानी की व्यवस्था सरकार द्वारा की गई। 
घर आने की खुशी अलग ही होती है। जिसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है, व्यक्त नहीं किया जा सकता। मैं बहुत खुश हूं।
थैंक्यू मामा जी (हमारे मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी)
धन्यवाद्, मध्यप्रदेश सरकार
धन्यवाद्, उन सभी अधिकारियों को, जो मध्यप्रदेश से बाहर फँसे प्रदेश के लोगों को निकालने में लगे हुये हैं।
मैंं प्रदेश से बाहर फँसे सभी लोगों से कहना चाहूंगा-
पैदल घर नहीं जाएं। अपनी सरकार पर भरोसा रखें। थोड़ा इंतजार करें।